Dividend kya hota hai?
Dividend kya hota hai | Dividend ke type | Dividend date kya hai | Dividend yield kya hota hai | Dividend ka laabh kaise le | Dividend kab aur kaise milta hai | Dividend ke fayade |
डिविडेंड का हिंदी मतलब लाभांश होता है | लाभांश दो शब्दों से मिलकर बना है (लाभ + अंश) यानी कि प्रॉफिट का पार्ट | जब कोई कंपनी अपने नेट प्रॉफिट का हिस्सा अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है, तो उसे डिविडेंड कहते हैं | डिविडेंड देना या ना देना यह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर तय करते हैं | डिविडेंड हमेशा फेस वैल्यू पर ही मिलता है, ना कि शेयर के प्राइस पर |
उदाहरण के लिए – मान लीजिए xyz नाम की कोई कंपनी है जिसके एक शेयर की कीमत ₹1,000 है, और कंपनी का फेस वैल्यू ₹10 है, और आपके पास उस कंपनी के 20 शेयर है | तो इस हिसाब से देखें तो 10 * 20 = ₹200 आपको डिविडेंड के रूप में मिलेंगे |
ध्यान दें – ज्यादातर कंपनी अपने फेस वैल्यू को ₹10 ही रखती हैं | इसका सीधा कारण है, कि कैलकुलेशन करने में आसानी रहती है | पर कुछ कंपनी के फेस वैल्यू इससे कम और ज्यादा भी हो सकते हैं |
Dividend के टाइप
Interim Type Dividend | Final Type Dividend |
जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स कंपनी का quarter रिजल्ट डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्म किया है | तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे interim डिविडेंड कहते है, यह साल में एक बार भी मिल सकता है या कई बार भी मिल सकता है | | जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कंपनी की एनुअल रिपोर्ट / रिजल्ट AGM(Annual General Meeting) में डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्मेंस किया है, तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे final डिविडेंड कहते है | |
Interim type में डिविडेंड कम मिलता है, Final type डिविडेंड के कंपैरिजन में | | Final type में डिविडेंड ज्यादा मिलता है, Interim type डिविडेंड के कंपैरिजन में | |
ध्यान दें – Interim type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस भी ले सकती है, अगर कंपनी को फाइनेंसियल ईयर में लॉस होता है | अब आप सोचेंगे डिविडेंड तो हमेशा बैंक अकाउंट में दिया जाता है, तो ऐसे में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस कैसे ले सकती है? तो हम आपको बता दें कि अगर आपने कंपनी के शेयर होल्ड करके रखे हैं, तो कंपनी आपके शेयर को कम करके अपना लॉस पूरा करती है | | Final type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस नहीं ले सकती | |
Dividend का लाभ कैसे लें ?
डिविडेंड का लाभ पाने के लिए हमें डिविडेंड का प्रोसेस जानना होगा |
Announcement date / Dividend Declaration Date | इस दिन कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है | |
Record date | इस दिन कंपनी अपने शेरहोल्डर्स के नाम अपने रिकॉर्ड बुक में चेक करती हैं | आमतौर पर डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट और रिकॉर्ड डेट के बीच का अंतर 10 या 10 से ज्यादा दिनों का रहता है | |
Dividend date / Ex – dividend date / cum dividend | इस दिन तक आपको कंपनी के शेयर खरीदने होते हैं, यह एक लास्ट डेट की तरह है | आमतौर पर या रिकॉर्ड डेट से 01 या 02 दिन की पहले की डेट रहती है | |
Payment date | इस दिन कंपनी के द्वारा डिविडेंड दिया जाता है | आमतौर पर रिकॉर्ड डेट से 15 या 20 दिनों के बाद की डेट रहती है | |
उदाहरण के लिए मान लीजिए – किसी xyz कंपनी ने, किसी महीने की 01 तारीख को डिविडेंड देने की घोषणा की | तो इस तरह मान लीजिए उसकी रिकॉर्ड डेट होगी 12 तारीख, डिविडेंड डेट होगी 10 तारीख, और पेमेंट डेट होगी 30 तारीख |
Dividend का लाभ लेने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
डिविडेंड का लाभ लेने के लिए हमें ex-dividend date से पहले शेयर को खरीद लेना चाहिए |
डिविडेंड पर शेयर के हिसाब से मिलता है, मतलब आपके पास जितने ज्यादा शेयर होंगे, उतना ही ज्यादा आप डिविडेंड का लाभ उठा सकते हैं |
उदाहरण के लिए – मान लीजिए किसी xyz कंपनी के 50 शेयर आपके पास हैं | और कंपनी ने ₹10 के हिसाब से डिविडेंड देने की घोषणा की, तो इस तरह 10 * 50 = ₹500 आपने डिविडेंड से कमाए |
कुछ कंपनी dividend देती है पर कुछ नहीं ऐसा क्यों ?
इसके दो कारण है – जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाया जा सकता है | तो कंपनी डिविडेंड नहीं देती या कम देती है, और जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाना मुश्किल है | तब वह डिविडेंड देती है |
Dividend Yield क्या होता है?
डिविडेंड यील्ड एक तरह का मेथड है जिससे हम यह जान सकते हैं, की किसी कंपनी ने कितना ज्यादा या कम डिविडेंड दिया है | इसका यूज करके हम बहुत ही आसानी से दो कंपनी का कंपैरिजन कर सकते हैं |
डिविडेंड यील्ड का फार्मूला होता है – Dividend per share/Current market price of one share *100
उदाहरण के लिए मान लीजिए – एक xyz नाम की कंपनी है, और एक abc नाम की कंपनी है | आइए दोनों का कंपैरिजन करते हैं, कि कौन सी कंपनी हमें ज्यादा डिविडेंड कमाने का मौका दे रही है, और कौन सी कम |
xyz कंपनी | abc कंपनी |
xyz कंपनी का शेयर प्राइस ₹1,000 है, और फेस वैल्यू ₹10 है | इस कंपनी ने 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है | | abc कंपनी का शेयर प्राइस ₹3000 है, और फेस वैल्यू ₹10 ही है | इस कंपनी ने भी 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है | |
आइए इसे डिविडेंड यील्ड फॉर्मूले से समझते हैं – | |
xyz कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/1,000*100 = 1% | abc कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/3,000*100 = 0.66% |
तो इस तरह हम देख सकते हैं, कि abc कंपनी का डिविडेंड यील्ड कम है, और xyz कंपनी का डिविडेंड यील्ड ज्यादा है |
ध्यान दें – कई बार मार्केट का प्राइस कम होने की वजह से डिविडेंड बढ़ जाता और जब मार्केट का प्राइस ज्यादा होता है, तो डिविडेंड कम हो जाता है | इसलिए हमें कंपनी की भी नॉलेज होनी चाहिए | ऐसा तो नहीं कि हमने डिविडेंड यील्ड से देखा कि कंपनी अच्छा डिविडेंड दे रही है | पर सच में ऐसा हो ही ना | यह सिर्फ शेयर का प्राइस घटने की वजह से हुआ हो | इसलिए कंपनी की भी नॉलेज होनी चाहिए |
ध्यान दें – मार्केट प्राइस और शेयर प्राइस दोनों एक ही होता है |
FAQ –
Ques – कौन सी कंपनी dividend देती है?
Ans – हमेशा प्रॉफिट में ही रहने वाली कंपनी डिविडेंड देती है |
Ques – कंपनी dividend क्यों देती है ?
Ans – जब कंपनी को प्रॉफिट होता है, तो कंपनी अपने शेरहोल्डर्स के साथ प्रॉफिट शेयर करने के लिए डिविडेंड देती है |
Ques – Dividend कितने दिन में मिलता है ?
Ans – लगभग 30 दिनों में |
Ques – Net Profit क्या है ?
Ans – जब कंपनी अपने टैक्स और दूसरे जरूरी एडजेस्टमेंट को पूरा करती है,और फिर उसके बाद जो पैसा बचता है, उसे नेट प्रॉफिट कहते हैं |
Ques – Dividend किस अकाउंट में मिलता है ?
Ans – डिविडेंड हमेशा आपके बैंक अकाउंट में मिलता है | जो बैंक अकाउंट आपके डीमेट अकाउंट से लिंक होता है |
Ques – Dividend कब मिलता है ?
Ans – जब कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है |